लोक सभा के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा सीधे वोट डालकर किया जाता है। 18 साल और उससे अधिक आयु का हर एक भारतीय नागरिक मतदान करने का हकदार होगा। लोक सभा के अधिकतम 530 सदस्य राज्यों से चुनाव क्षेत्रों की प्रत्यक्ष रीति से चुने जाएंगे। अधिकतम 20 सदस्य संघ राज्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए दो से अनधिक सदस्य मनोनीत कर सकता है। इस प्रकार सदन की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो, ऐसी संविधान में परिकल्पना की गई है। लोक सभा में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए जनसंख्या-अनुपात के आधार पर स्थान आरक्षित है। आरंभ में यह आरक्षण दस वर्ष के लिए था। नवीनतम संशोधन के अंतर्गत अब यह पचास वर्ष के लिए अर्थात सन २००० तक के लिए है। भारत में सदन की कार्यावधि पाँच वर्षों की है। पाँच वर्षों की अवधि समाप्त हो जाने पर सदन खुद भंग हो जाता है। कुछ परिस्थतियों में संसद को पूर्ण कार्यावधि समाप्त होने से पहले ही भंग किया जा सकता है। आपातकाल की स्थति में संसद लोक सभा की कार्यावधि बढ़ा सकती है। यह एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं हो सकती।
संसद के दोनों सदनों को, कुछ मामलों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में समान शक्तियां एवं दर्जा प्राप्त है। कोई भी गैर-वित्तीय विधेयक अधिनियम बनने से पहले दोनों में से प्रत्येक सदन द्वारा पास किया जाना आवश्यक है। राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने, उपराष्ट्रपति को हटाने, संविधान में संशोधन करने और उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने जैसे महत्वपूर्ण मामलों में राज्यसभा को लोक सभा के समान शक्तियां प्राप्त है। राष्ट्रपति के अध्यादेशों, आपात की उदघोषणा और किसी राज्य में संवैधानिक व्यवस्था के विफल हो जाने की उदघोषणा और किसी राज्य में संवैधानिक व्यवस्था के विफल हो जाने की उदघोषणा को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखना अनिवार्य है। किसी धन विधेयक और संविधान संशोधन विधेयक को छोड़कर अन्य किसी भी विधेयक पर दोनों सदनों के बीच असहमति को दोनों सदनों द्वारा संयुक्त बैठक में दूर किया जाता है। इस बैठक में मामले बहुमत द्वारा तय किए जाते हैं। दोनों सदनों की ऐसी बैठक का पीठासीन अधिकारी लोकसभा का अध्यक्ष होता है।
लोकसभा की सदस्यता के लिए अनिवार्य योग्यता निम्न है -
1) वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो |
2)उसकी आयु 25 वर्ष या उससे अधिक हो |
3)भारत सरकार अथवा किसी राजाइया सभा के अंतर्गत वह कोई लाभ के पद पर ना हो|
4)वह पागल तथा दीवालिया न हो |
लोक सभा की सीटें निम्नानुसार 29 राज्यों और 7 केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच विभाजित है: -
उपविभाजन | प्रकार | निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
आन्ध्र प्रदेश | राज्य | 25 |
अरुणाचल प्रदेश | राज्य | 2 |
असम | राज्य | 14 |
बिहार | राज्य | 40 |
चंडीगढ़ | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
छत्तीसगढ़ | राज्य | 11 |
दादरा और नगर हवेली | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
दमन और दीव | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
दिल्ली | केन्द्र शासित प्रदेश | 7 |
गोवा | राज्य | 2 |
गुजरात | राज्य | 26 |
हरियाणा | राज्य | 10 |
हिमाचल प्रदेश | राज्य | 4 |
जम्मू और कश्मीर | राज्य | 6 |
झारखंड | राज्य | 14 |
कर्नाटक | राज्य | 28 |
केरल | राज्य | 20 |
लक्षद्वीप | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
मध्य प्रदेश | राज्य | 29 |
महाराष्ट्र | राज्य | 48 |
मणिपुर | राज्य | 2 |
मेघालय | राज्य | 2 |
मिज़ोरम | राज्य | 1 |
नागालैंड | राज्य | 1 |
उड़ीसा | राज्य | 21 |
पुदुच्चेरी | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
पंजाब | राज्य | 13 |
राजस्थान | राज्य | 25 |
सिक्किम | राज्य | 1 |
तमिल नाडु | राज्य | 39 |
त्रिपुरा | राज्य | 2 |
उत्तराखंड | राज्य | 5 |
उत्तर प्रदेश | राज्य | 80 |
पश्चिम बंगाल | राज्य | 42 |
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